लॉकडाउन: चंडीगढ़ के उद्योगों को होगा 300 करोड़ का नुकसान, 2000 औद्योगिक इकाइयां पूरी तरह ठप
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों के लॉकडाउन व कर्फ्यू की वजह से चंडीगढ़ के उद्योग पूरी तरह ठप हो गए हैं। इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 और फेज-2 की 2000 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन पूरी तरह से बंद है। ऐसे में उद्योग जगत को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। चेंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्री के मुताबिक  इन औद्योगिक इकाइयों में हर सप्ताह करीब 100 करोड़ रुपये का उत्पादन होता है। ऐसे में तीन सप्ताह के लॉकडाउन में चंडीगढ़ उद्योग जगत को 300 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। 
 

आपको बता दें कि चंडीगढ़ में ऑटो व्हील पार्ट, रेलवे पार्ट, फास्नर इंडस्ट्री, स्टील फर्नीचर, प्लास्टिक कंपोनेंट और बाथरूम फिटिंग की लगभग 2000 औद्योगिक इकाइयां संचालित की जा रही हैं। इसमें सभी छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां शामिल हैं। इनमें हर सप्ताह 100 करोड़ रुपये का उत्पादन किया जाता है। यहां होने वाले उत्पादों को पूरे देश में सप्लाई किया जाता है। 

संपूर्ण लॉकडाउन के बाद से औद्योगिक इकाइयों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के लिए कहा गया है। साथ ही उत्पादन में लगे कर्मचारियों की भी छुट्टी कर दी गई है। इसके बाद से सभी औद्योगकि इकाइयों में उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है। अनुमान है कि चंडीगढ़ के उद्योग जगत को 21 दिन में 300 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।


30 हजार कर्मचारी करते हैं काम   



चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में संचालित होने वाली औद्योगिक इकाइयों में 25-30 हजार कर्मचारी कार्य करते हैं। वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए औद्योगिक इकाइयों में अवकाश कर दिया गया है। कर्मचारियों के नहीं होने के कारण उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है।  

जरूरी औद्योगिक इकाइयों में ही हो रहा उत्पादन   
इंडस्ट्रियल एरिया में सिर्फ वही औद्योगिक इकाइयां खुली हैं, जिनमें जरूरी वस्तुओं का उत्पादन हो रहा है। इनमें कुछ फ्लोर मिल और कुछ चिकित्सकीय सामान बनाने वाली औद्योगिक इकाइयां शामिल हैं। इनमें कार्य करने वाले लोगों में वायरस का संक्रमण न फैले इसके लिए आधा कर्मचारियों से ही कार्य कराया जा रहा है।    
 
चंडीगढ़ के दोनों इंडस्ट्रियल एरिया में लगभग 1900 प्लॉट पर छोटी-बड़ी 2000 औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं। यहां हर सप्ताह 100 करोड़ रुपये का उत्पादन किया जाता है। 21 दिन के कर्फ्यू के कारण इकाइयां बंद होने से करीब 300 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। साथ ही इस नुकसान से उबरने के लिए उद्योगपतियों को तीन माह से अधिक का समय लग जाएगा।  -नवीन मंगलानी, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्री