इंदौर क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने किसी नए काम के शुभारंभ से जुड़ी हिन्दू रीति के मुताबिक इस ट्रेन के लोकोपायलट (ट्रेन ड्राइवर) कैबिन के बाहर कुंकुम से स्वास्तिक का पवित्र निशान बनाया और यात्री रेलगाड़ी के आगे नारियल फोड़ा। फिर ढोल की थाप के बीच इसे हरी झंडी दिखाकर वाराणसी के लिए रवाना किया गया।
यह ट्रेन देश में भगवान शिव के तीन ज्योर्तिलिंगों-ओंकारेश्वर (इंदौर के पास स्थित), महाकालेश्वर (उज्जैन) और काशी विश्वनाथ (वाराणसी) को जोड़ती है। ट्रेन के उद्घाटन सफर के दौरान रविवार को इसके बी-5 डिब्बे में सीट नंबर 64 को भगवान शिव के लिए आरक्षित किए जाने पर विवाद हुआ था। इसके बाद ऊपर की इस सीट (अपर बर्थ) पर अस्थायी तौर पर लगाए गए भगवान शिव के चित्र पहले ही हटा दिए गए हैं। अब रेल कर्मचारियों ने ट्रेन की पैंट्रीकार में देवी-देवताओं के चित्र लगाए हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर लालवानी ने संवाददाताओं से कहा कि यह भावनाओं की बात है। रेल कर्मचारियों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए पैंट्रीकार में महाकाल का मंदिर बनाया है। इंदौर से ट्रेन के शुक्रवार को रवाना होने से पहले भी इस मंदिर में पूजा-अर्चना की गई है। इस मंदिर में रोज पूजा-अर्चना की जाएगी।
इस बीच, आईआरसीटीसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि जब यह ट्रेन इंदौर से वाराणसी के लिए रवाना हुई, तब इसकी 648 में से 510 सीटें बुक हो चुकी थीं। यात्री ट्रेन के आगे के सफर के दौरान भी इसमें सीट बुक करा सकते हैं।
यह ट्रेन देश में भगवान शिव के तीन ज्योर्तिलिंगों-ओंकारेश्वर (इंदौर के पास स्थित), महाकालेश्वर (उज्जैन) और काशी विश्वनाथ (वाराणसी) को जोड़ती है। ट्रेन के उद्घाटन सफर के दौरान रविवार को इसके बी-5 डिब्बे में सीट नंबर 64 को भगवान शिव के लिए आरक्षित किए जाने पर विवाद हुआ था। इसके बाद ऊपर की इस सीट (अपर बर्थ) पर अस्थायी तौर पर लगाए गए भगवान शिव के चित्र पहले ही हटा दिए गए हैं। अब रेल कर्मचारियों ने ट्रेन की पैंट्रीकार में देवी-देवताओं के चित्र लगाए हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर लालवानी ने संवाददाताओं से कहा कि यह भावनाओं की बात है। रेल कर्मचारियों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए पैंट्रीकार में महाकाल का मंदिर बनाया है। इंदौर से ट्रेन के शुक्रवार को रवाना होने से पहले भी इस मंदिर में पूजा-अर्चना की गई है। इस मंदिर में रोज पूजा-अर्चना की जाएगी।
इस बीच, आईआरसीटीसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि जब यह ट्रेन इंदौर से वाराणसी के लिए रवाना हुई, तब इसकी 648 में से 510 सीटें बुक हो चुकी थीं। यात्री ट्रेन के आगे के सफर के दौरान भी इसमें सीट बुक करा सकते हैं।